nuclear bomb

परमाणु बम
आज के कंटेंट में आप सभी का स्वागत है आज हम बात करेंगे न्यूक्लियर बम के बारे में हम यह भी जानेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है और यह  कितना खतरनाक हो सकता है यदि आपको हमारी जानकारी अच्छी लगे तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके हमें अवश्य बताएं यदि आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी है तो show your knowledge में जाकर उसे पोस्ट कर दें


उसका वास्तविक नाम नाभिकीय बम है । इसका कार्य सिद्धांत नाभिकीय विखंडन की अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया पर आधारित है। यह अभिक्रिया बड़ी तीव्र गति से होती है तथा इसमें बहुत हीNuclear Bomb Stock Illustrations - Getty Images कम समय में अधिक ऊर्जा मुक्त हो जाती है जो कि बहुत अधिक विनाशकारी होती है ।


इस बम को बनाने में यूरेनियम अथवा प्लूटोनियम प्रयुक्त किया जाता है क्योंकि यह दोनों तत्व न्यूट्रॉन द्वारा सफलतापूर्वक गठित हो सकते हैं

विखंडन अभिक्रिया के निरंतर चलते रहने के लिए आवश्यक है कि विखंडन पदार्थ का आकार उसके कांतिक  आकार से अधिक होना चाहिए इसलिए परमाणु बम का निर्माण करने के लिए पदार्थ के दो टुकड़े कर दिए जाते हैं जिनमें से प्रत्येक का आकर  क्रांतिक   आ कार से छोटा होता है। परंतु उन्हें पर मिला देने से उन दोनों का आकार क्रांतिक आकार  से बड़ा हो जाता है इन दोनों खंडों को एक सघन आवरण से अलग अलग कर दिया जाता है इस अवस्था में इनके विखंडित होने का भय नहीं रहता यद्यपि आवरण के भीतर अंतरिक्ष किरणों द्वारा उत्पन्न कुछ ना कुछ  न्यूट्रॉन अवश्य रहते हैं । परमाणु बम विस्फोट करने के लिए विघ्न पदार्थ के इन दो खंडों को यांत्रिक युक्ति से मिला दिया जाता है ऐसा करने से अनियंत्रित श्रंखला अभिक्रिया आरंभ हो जाती है यह भी किया अनुमान में आने वाली किसी तीव्र गति से होती है कुछ ही सेकंड में कितनी ऊर्जा मुक्त होती है कि वह भयानक विस्फोट का आकार ले लेती है

      परमाणु बम विस्फोट में लगभग   1000000 डिग्री सेल्सियस की कोटि  का ताप लाखों वायुमंडलीय दाब के बराबर दाब  उत्पन्न होता है इस बम के विनाशकारी प्रभाव का अनुमान लगाना कठिन है विस्फोट में अंधा कर देने वाली प्रकाश की चमक अधिक मात्रा में रेडियोएक्टिव पदार्थ उत्पन्न होते हैं जिस स्थानों पर बम का विस्फोट किया जाता है वहां के कई किलोमीटर दूर तक मौजूद समस्त वस्तुएं एवं जीवित प्राणी पूर्णतया नष्ट हो जाते हैं परमाणु बम विस्फोट में रेडियो एक्टिव किरणों को वायु सैकड़ों मील की दूरी तक ले जाती है और अपार जनहानि  करती है द्वितीय महायुद्ध के दौरान अमेरिका जापान हिरोशिमा और नागासाकी नामक दो नगरों पर गिराए गए बम इस बात के उदाहरण हैं वहां पर पैदा होने वाले बच्चे आज भी विकलांग होते हैं और वहां की जमीन खेती करने के लायक नहीं है


     यह एक अत्यधिक विनाशकारी हथियार है उम्मीद करनी चाहिए कि इसके इस्तेमाल की जरूरत किसी भी देश को कभी ना पड़े क्योंकि जरूरत किसी के पूर्णता विनाश का कारण बन सकती है और हजारों लोग मारे जाएंगे

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