जूस हैकिंग यदि आपने भी यहनाम पहली बार सुना है तो आज के ब्लॉग में आपका स्वागत है यह सिर्फ आपके लिए है जिसमें हम बात करेंगे जूस हैकिंग के बारे में एक प्रकार का साइबर अटैक है तो चलिए शुरू करते हैं आज के इस कंटेंट को
जूस हैकिंग एक प्रकार की हैकिंग है जिसमें यूएसबी का यूज किया जाता है लेकिन उस यूएसबी की डाटा ट्रांसफर स्पीड नॉर्मल यूएसबी से 3 से 4 गुना ज्यादा होती है यूएसबी के स्थान पर किसी फाइल फोल्डर का इस्तेमाल किया जा सकता है वह फोल्डर खतरनाक malware or virus से भरा हुआ हो सकता है इसे किसी पब्लिक चार्जिंग पॉइंट में किसी डिवाइस की मदद मेसे इंस्टॉल कर लिया जाता है और जैसे ही इसे किसी मोबाइल से लगाया जाता है तो उसका सारा डाटा ले लेती है या फिर मोबाइल की एक नकल तैयार करता है इसमें आपके मोबाइल का सारा का सारा डाटा होगा जब शुरुआत में यह दुनिया के सामने आया तो दुनिया ने इस पर विश्वास नहीं किया उन्हें लगा ऐसा नहीं हो सकता लेकिन यह हैकर पता नहीं कहां से इतना दिमाग ले आते हैं उन्होंने अपने इस डिवाइस को पब्लिक चार्जिंग पॉइंट और इंटरनेट पर बहुत सारी जगहों मे बहुत सारी जगाओ मे बहुत ही सावधानी से इन्स्टाल कर दिया इसीलिए आपको चेतावनी दी जाती है कि किसी भी अननोन वेबसाइट पर जाकर अपना पर्सनल डाटा ना दे क्योंकि सिर्फ कुछ ही सेकंड में आपका पूरा का पूरा डाटा उनके पास चला जाएगा इसीलिए तो इसका नाम है जूस हैकिंग जिस प्रकार आप जूस को पीते हैं उसी प्रकार यह जूस हैकिंग आपके पूरे के पूरे डाटा को पी जाती है अपना डाटा सिर्फ उन्ही वैबसाइट मे दे जिनमे यह lock का साइन हो
जूस हैकिंग की सबसे पहली घटना Defcon में घटी जिसे the sheep of wall के नाम से जाना जाता है इस घटना के बाद सरकार ने एक अभियान चलाया इसका प्रमुख लक्ष्य लोगों में जागरूकता लाना था उन्होंने इस घटना को लोगों से बताने से पहले एक सर्वे किया उन्होंने जानबूझकर बहुत सारी जगहों पर ऐसी डिवाइस से लगा दी तो डाटा को हैक कर सकती थी उन्होंने पाया कि वाकई यह सारा का सारा डाटा हैक कर लेती हैं इसके बाद उन्होंने लोगों को इसके बारे में समझाना शुरु कर दिया दुख की बात है कि भारत में आज भी लोग इसके बारे में बहुत कम जानते हैं तो देर किस बात की है इसे अपने दोस्तों तक शेयर करिए ताकि वह लोग जागरूक हो सके और अपने मोबाइल को किसी भी पब्लिक चार्जिंग पॉइंट वा अननोन वेबसाइट से जाकर किसी भी फाइल को डाउनलोड ना करें ऐसी वेबसाइट तरह तरह के लालच देती हैं
इतना ही नहीं यह हैकिंंग एक वायरस की तरह फैलती है मतलब कि आपका मोबाइल वायरस से इनफेक्ट हो गया तो अगर आप किसी दूसरे मोबाइल को शेयर इट से कनेक्ट करते हैं या किसी भी तरीके से किसी दूसरे मोबाइल के संपर्क में लाते हैं तो उस मोबाइल का भी सारा डाटा हैकर्स के पास चला जाएगा अब आप समझ सकते हैं कि यह कितनी खतरनाक चीज है इससे हम लोग अब तक अनजान थे और अधिक डिटेल में पढ़ने के लिए आप विकिपीडिया में जा सकते हैं या फिर हमसे टेल योर प्रॉब्लम बॉक्स में पूछ सकते हैं यदि आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी है तो आप उसे हमारे शो योर नॉलेज कंटेंट में जाकर पोस्ट कर दें और यदि आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों तक शेयर करिए
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Great
ReplyDeleteगजब
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